पटनाः महागठबंधन की सरकार में विवादों में घिरे कार्तिक कुमार को मंत्री बनने के एक महीने से कम समय में इस्तीफा देना पड़ा। कार्तिक कुमार के इस्तीफे को राजद की छवि बदलने की मुहिम से जोड़कर देखा जा रहा है।
महागठबंधन की सरकार बनने के बाद जिस तरह विपक्ष ने जंगल राज के मुद्दे पर सरकार को घेरना शुरू किया है, उससे यह माना जा रहा है भाजपा अपराध को लेकर ही सरकार को घेरेगी तथा लोगों के बीच यह संदेश देने की कोशिश कर जनमत तैयार करेगी कि लालू राज से इस सरकार में कुछ नहीं बदला।
भाजपा, राजद की पुरानी छवि को दिखाकर ही लोगों को एकजुट करने का प्रयास करेगी। इधर राजद उस पुरानी छवि को बदलने का हर संभव प्रयास कर रही है। इस कारण राजद के रणनीतिकार ऐसा कोई भी मौका भाजपा को नही देना चाहेंगे।
सरकार बनने के बाद ही भाजपा ने कार्तिक कुमार, सुधाकर सिंह, सुरेंद्र यादव, रामानंद यादव के मंत्री बनाए जाने को लेकर सवाल उठाए हैं। बुधवार की सुबह कार्तिक कुमार का विभाग बदलते हुए कानून मंत्री की जगह उन्हे गन्ना उद्योग विभाग दिया गया। रात में उन्होंने इस्तीफा दे दिया। कुमार पर अपहरण के एक मामले में अदालत द्वारा वारंट जारी किया गया है।
कार्तिक के 16 अगस्त के मंत्री पद की शपथ लेने के बाद ही पूर्व उप मुख्यमंत्री व राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा था कि फिर लौटा लालू राज।भाजपा के नेता खासकर पूर्व उप मुख्यमंत्री मोदी नीतीश मंत्रिमंडल के दागी सदस्यों को लेकर हमलावर हैं। सुशील मोदी पिछले दिनों मंत्री सुधाकर सिंह, रामानंद यादव और सुरेंद्र यादव पर कई तरह के आरोप लगा चुके हैं।